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चीनी दबाव में झुका पाकिस्तान, नेपाल में ड्रैगन का विरोध, पढ़िए दुनिया की अन्य महत्वपूर्ण खबरें

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सार

पाक-चीन समझौते में यह भुगतान जरूरी न होने के बावजूद समिति ने इसे मंजूरी दी है। वहीं नेपाल सरकार द्वारा सीमा का सर्वेक्षण करने के लिए गठित समिति ने भी बॉर्डर क्षेत्र में भौतिक संरचनाएं और तार फेंसिंग की रिपोर्ट दी थी।

सांकेतिक तस्वीर….
– फोटो : सोशल मीडिया

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चीन के दबाव में पाकिस्तान की आर्थिक समन्वय समिति ने दासू बांध परियोजना पर आतंकी हमले में मारे गए और घायल हुए 36 चीनी नागरिकों के परिवारों को 1.16 करोड़ डॉलर (करीब 86 करोड़ पाकिस्तानी रुपये) के मुआवजे को मंजूरी दे दी है। पाक-चीन समझौते में यह भुगतान जरूरी न होने के बावजूद समिति ने इसे मंजूरी दी है जबकि यह संधि चीन-पाक आर्थिक गलियारे के दायरे में नहीं आती है। 

पाकिस्तान में काम कर रहे चीन के ठेकेदारों और कामगारों की सुरक्षा को लेकर इस्लामाबाद और बीजिंग में काफी कलह रही और दासू बांध आतंकी हमले के पीड़ितों को मुआवजा न देने से दोनों देशों के द्विपक्षीय रिश्तों में बाधा पैदा हो रही थी।

इस कारण आर्थिक तंगी के बावजूद पाक को यह राशि देना पड़ा। बता दें, 14 जुलाई 2021 को इस आतंकी हमले में चीन के 10 नागरिक मारे गए थे और 26 घायल हुए थे। हमले में चार पाकिस्तानी भी मारे गए थे। इस मामले को लेकर दोनों देशों के बीच इतना तनाव बढ़ गया था कि पाकिस्तान की तरफ से ढीले रवैये को देखते हुए चीन ने कई परियोजनाओं पर काम करना बंद कर दिया था।

2050 तक पाकिस्तान में काम करेंगे 50 लाख चीनी
पाकिस्तान में चीन के बढ़ते दबदबे के बीच अधिकारियों ने बताया है कि 2025 तक 50 लाख से अधिक चीनी नागरिक इस्लामी देश में काम करेंगे। चीन की नाराजगी को देखते हुए पाकिस्तान सरकार ने चीनी नागरिकों की सुरक्षा के लिए कई उपाय किए हैं। पाकिस्तान की सेना ने सीपीईसी और उसके कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए एक विशेष सुरक्षा डिवीजन भी बनाया है।

नेपाल में चीन के बीआरआई और भूमि अतिक्रमण को लेकर लोगों में नाराजगी
नेपाल में नागरिकों के बीच चीन विरोधी भावना फैल रही है और इसी के चलते लोग प्रदर्शन कर रहे हैं। चीन के विरोध के लिए दो कारण खासकर जिम्मेदार हैं। इनमें पहला बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) और दूसरी बीजिंग द्वारा नेपाली भूमि पर अवैध कब्जा शामिल है। यह बात कनाडा के एक थिंकटैंक ने शनिवार को नेपाली मीडिया का हवाला देते हुए कही।

इंटरनेशनल फोरम फॉर राइट्स एंड सिक्योरिटी (आईएफएफआरएएस) ने बताया कि नेपाल के हुमला, गोरखा, दारचुला, डोलखा और सिंधुपाल चौक जिलों में भूमि अतिक्रमण की खबरें है। नेपाल सरकार द्वारा सीमा का सर्वेक्षण करने के लिए गठित समिति ने भी बॉर्डर क्षेत्र में भौतिक संरचनाएं और तार फेंसिंग की रिपोर्ट दी थी।

थिंकटैंक के अनुसार हुमला जिले में अतिक्रमण सीमा के 1 किलोमीटर भीतर हुआ था। इस बीच, नेपाल के लोगों में बीआरआई के तहत ऋण हासिल करने वाले देशों के चीनी कर्जजाल में फंसने को लेकर भी आशंकाएं हैं और इसीलिए वे चीन का विरोध कर रहे हैं। स्थानीय नागरिक देश में चल रही चीनी परियोजनाओं को लेकर भी चिंतित हैं। श्रीलंका और केन्या का उदाहरण देखते हुए नेपाल के लोग बीजिंग को लेकर अपने देश की संप्रभुता को खतरे में पाते हैं।

विमान में अश्लीलता के बावजूद एक शख्स मुचलके पर छूटा
डबलिन से न्यूयॉर्क जाने वाली डेल्टा उड़ान में एक आयरिश नागरिक शेन मैकइनर्नी ने मास्क पहनने से इनकार करते हुए अभद्रता की हदें पार कर दीं। उसने एक कैन को फेंक दिया और एक अन्य यात्री की पिटाई की तथा अपनी पेंट नीचे खींचकर एक फ्लाइट अटेंडेंट के सामने अश्लील हरकत की। इस बारे में उड़ान के न्यूयॉर्क पहुंचने पर शिकायत दर्ज कराई जिसे अदालत ने मुचलके पर छोड़ दिया।

यह मामला 7 जनवरी को है जब आठ घंटे की उड़ान के दौरान उड़ान के क्रू कर्मियों द्वारा दर्जनों पर टोकने के बाद भी गॉलवे के निवासी मैकतइनर्नी ने मास्क पहनने से इनकार कर दिया। उस पर उड़ान कर्मियों के काम में दखल देने का आरोप भी लगाया गया है।

शिकायत के मुताबिक, मैकइनर्नी एक परिचालक से भोजन की शिकायत करने अपनी सीट से उठा और वापस आते वक्त परिचारक व आसपास के यात्रियों को देखकर अश्लील हरकत करने लगा। इस अपराध में 20 साल जेल होती है, लेकिन पिछले सप्ताह उसे मुचलके पर छोड़ने के संबंध में उसके वकील बेंजामिन यास्टर ने टिप्पणी से इनकार कर दिया।

यमन की जेल पर हमले में मरने वालों की संख्या 82 हुई
यमन में हूती विद्रोहियों द्वारा संचालित जेल पर सऊदी अगुवाई वाले सैन्य गठबंधन की ओर से किए गए हवाई हमले में जान गंवाने वाले बंदियों की संख्या बढ़कर 82 हो गई है। हूती विद्रोहियों और एक सहायता समूह ने शनिवार को यह जानकारी दी। यमन में इंटरनेट सेवा बड़े पैमाने पर बाधित हुई है। बता दें यह कार्रवाई हूती विद्रोहियों द्वारा यूएई के हवाई अड्डे पर किए ड्रोन हमले में दो भारतीयों समेत तीन की मौत के बाद की गई है।

यमन के उत्तरी प्रांत सादा में शुक्रवार को किया गया हवाई हमला साझा जमीनी और हवाई कार्रवाई का हिस्सा था। यमन में एक चैरिटी मिशन ’डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स’ के प्रमुख अहमद महत ने बताया कि हवाई हमले में कम से कम 82 लोग मारे गए हैं और 265 से अधिक घायल हुए। इससे पहले 2019 में भी सादा प्रांत में हवाई हमलों में 100 लोग मारे जा चुके हैं।

प्रभावशाली बौद्ध भिक्षु थिच न्हात हान का 95 की उम्र में निधन
पश्चिम में माइंडफुलनेस की अवधारणा को आगे बढ़ाने में मदद करने वाले बौद्ध भिक्षु थिच न्हात हान का 95 वर्ष की उम्र में निधन हो गया है। उन्होंने वियतनाम के ह्यू में आखिरी सांस ली। हान ने अपने जीवन का बड़ा हिस्सा दक्षिण फ्रांस स्थित प्लम गांव में निर्वासन में गुजारा और एक रिट्रीट सेंटर की स्थापना की। वे अपने अनुयायियों के बीच थाय के रूप में जाने जाते थे। उनके निधन की पुष्टि ह्यू स्थित टू हियु पगोडा के एक अन्य भिक्षु ने की।

1926 में गुयेन जुआन बाओ के रूप में जन्मे हान 16 साल की उम्र में ही भिक्षु बन गए थे। उन्होंने 1961 में शिक्षा के लिए अमेरिका का रुख किया और कुछ समय के लिए प्रिंसटन और कोलंबिया विश्वविद्यालयों में भी तुलनात्मक धर्म के बारे में पढ़ाया। सात भाषाएं बोलने वाले हान 1963 में अमेरिका-वियतनाम युद्ध के विरोध में शामिल होने के लिए वियतनाम लौट आए थे।

विस्तार

चीन के दबाव में पाकिस्तान की आर्थिक समन्वय समिति ने दासू बांध परियोजना पर आतंकी हमले में मारे गए और घायल हुए 36 चीनी नागरिकों के परिवारों को 1.16 करोड़ डॉलर (करीब 86 करोड़ पाकिस्तानी रुपये) के मुआवजे को मंजूरी दे दी है। पाक-चीन समझौते में यह भुगतान जरूरी न होने के बावजूद समिति ने इसे मंजूरी दी है जबकि यह संधि चीन-पाक आर्थिक गलियारे के दायरे में नहीं आती है। 

पाकिस्तान में काम कर रहे चीन के ठेकेदारों और कामगारों की सुरक्षा को लेकर इस्लामाबाद और बीजिंग में काफी कलह रही और दासू बांध आतंकी हमले के पीड़ितों को मुआवजा न देने से दोनों देशों के द्विपक्षीय रिश्तों में बाधा पैदा हो रही थी।

इस कारण आर्थिक तंगी के बावजूद पाक को यह राशि देना पड़ा। बता दें, 14 जुलाई 2021 को इस आतंकी हमले में चीन के 10 नागरिक मारे गए थे और 26 घायल हुए थे। हमले में चार पाकिस्तानी भी मारे गए थे। इस मामले को लेकर दोनों देशों के बीच इतना तनाव बढ़ गया था कि पाकिस्तान की तरफ से ढीले रवैये को देखते हुए चीन ने कई परियोजनाओं पर काम करना बंद कर दिया था।

2050 तक पाकिस्तान में काम करेंगे 50 लाख चीनी

पाकिस्तान में चीन के बढ़ते दबदबे के बीच अधिकारियों ने बताया है कि 2025 तक 50 लाख से अधिक चीनी नागरिक इस्लामी देश में काम करेंगे। चीन की नाराजगी को देखते हुए पाकिस्तान सरकार ने चीनी नागरिकों की सुरक्षा के लिए कई उपाय किए हैं। पाकिस्तान की सेना ने सीपीईसी और उसके कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए एक विशेष सुरक्षा डिवीजन भी बनाया है।

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