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पाकिस्तान में पैंडोरा पेपर्स की जांचः कुछ खास ढूंढ नहीं पाई इमरान सरकार, 700 पाकिस्तानियों के नाम थे शामिल

वर्ल्ड न्यूज, अमर उजाला, इस्लामाबाद
Published by: प्रशांत कुमार झा
Updated Sun, 02 Jan 2022 01:46 PM IST

सार

इन पेपर्स में लगभग सात सौ पाकिस्तानियों के नाम शामिल किए गए थे। प्रधानमंत्री ने उन लोगों की जांच के लिए एक विशेष आयोग का गठन किया था। उसे प्राइम मिनिस्टर्स इंस्पेक्शन आयोग (पीएमआईसी) के नाम से जाना जाता है। पाकिस्तानी मीडिया में आई खबरों के मुताबिक आयोग ने लगभग 80 फीसदी आरोपी व्यक्तियों के बारे में जांच पूरी कर ली है।

पंडोरा पेपर्स
– फोटो : Agency

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विस्तार

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की सरकार को उन लोगों के खिलाफ जांच में अब तक ज्यादा कुछ हाथ नहीं लगा है, जिनके नाम पैंडोरा पेपर्स में आए थे। पैंडोरा पेपर्स वॉशिंगटन स्थित इंटरनेशनल कॉन्जर्टियम ऑफ जर्नलिस्ट्स (आईसीआईजे) ने जारी किया था। उसने इन पेपर्स में उन लोगों के नाम शामिल किए थे, जिन्होंने अपने देश में टैक्स चोरी कर उन देशों में पैसे जमा कराए, जिन्हें टैक्स हैवन (कर चोरी का अड्डा) कहा जाता है।

इन पेपर्स में लगभग सात सौ पाकिस्तानियों के नाम शामिल किए गए थे। प्रधानमंत्री ने उन लोगों की जांच के लिए एक विशेष आयोग का गठन किया था। उसे प्राइम मिनिस्टर्स इंस्पेक्शन आयोग (पीएमआईसी) के नाम से जाना जाता है। पाकिस्तानी मीडिया में आई खबरों के मुताबिक आयोग ने लगभग 80 फीसदी आरोपी व्यक्तियों के बारे में जांच पूरी कर ली है।

पाकिस्तान सरकार के सूत्रों के मुताबिक पीएमआईसी ने आईसीआईजे से सभी सात सौत पाकिस्तानियों के बारे में पूरा ब्योरा मांगा था। लेकिन अब तक उसे 240 लोगों के बारे में ही जानकारी दी गई है। पीएमआईसी इन सभी लोगों की जांच कर रही है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई को अपना खास मुद्दा बनाए रखा है। वे आरोप लगाते रहे हैं कि इसके पहले पनामा और पैराडाइज पेपर्स में पाकिस्तानियों के नाम आने पर तब की सरकारों ने उसकी ठीक से जांच नहीं कराई। इसलिए इमरान खान की सरकार पर इस मामले में खास निगाह रही है।

240 लोगों के नाम पीएमआईसी को मिले

अब तक कोई ठोस सबूत ना जुटा पाने के कारण पीएमआईसी की कई हलकों में आलोचना भी हुई है। लेकिन प्रधानमंत्री कार्यालय के एक सूत्र ने अखबार द डॉन से बातचीत में इस धारणा को गलत बताया कि पैंडोरा पेपर्स की जांच खत्म हो गई है। सूत्र ने कहा कि अभी जांच का पहला चरण चल रहा है, जिसे तय समयसीमा पर पूरा किया जाएगा। ये समयसीमा इस महीने के साथ खत्म होगी।   सरकारी सूत्रों के मुताबिक जिन 240 लोगों के नाम पीएमआईसी को मिले हैं, उनमें कई ऊंचे पदों पर मौजूद अफसर हैँ। उनमें नौकरशाहों के अलावा सैनिक जनरलों के भी नाम हैं। बताया गया है कि पीएमआईसी ने उन सबको नोटिस जारी किया था। उनसे से ज्यादातर ने अपने जवाब भेज दिए हैँ। उन जवाबों के आधार पर आयोग इस नतीजे पर पहुंचा है कि जिन लोगों के नाम पैंडोरा पेपर्स में आए, उनमें से सभी मनी लॉन्ड्रिंग या कर चोरी के दोषी नहीं हैं।

इमरान खान सरकार में वित्त मंत्री शौकत तरीन का नाम शामिल था

सरकारी सूत्रों ने यह दावा भी किया है कि टैक्स हैवन्स में कंपनी रजिस्टर्ड कराने का यह मतलब नहीं है कि संबंधित व्यक्ति ने अनिवार्य रूप से टैक्स चोरी की है। जांच से सामने आया कि कई लोगों ने उन कंपनियों के जरिए कारोबार किया, लेकिन उन्होंने पाकिस्तानी कानून के तहत कोई अपराध नहीं किए। पैंडोरा पेपर्स में इमरान खान सरकार में वित्त मंत्री शौकत तरीन का नाम भी आया था। तब उन्होंने सफाई दी थी कि उन्होंने विदेश में एक कंपनी बनाई, लेकिन उसमें देश का धन नहीं भेजा गया।

आलोचकों का कहना है कि ये तमाम बातें पनामा और पैराडाइज पेपर्स में जिनके नाम आए, उन पर भी लागू हो सकती हैं, लेकिन इमरान खान ने उसे बड़ा मुद्दा बना दिया था। अब खुद उनकी सरकार की जांच से कुछ हासिल नहीं हो सका है।

 

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