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बिगड़ते हालात: पाकिस्तान में घरेलू गैस की जबरदस्त किल्लत, पीएम इमरान को लेनी पड़ी बैठक

एजेंसी, इस्लामाबाद।
Published by: Jeet Kumar
Updated Fri, 31 Dec 2021 01:08 AM IST

सार

पीएम इमरान खान ने अधिकारियों को घरेलू अन्वेषण के लिए लाइसेंस फास्ट-ट्रैक करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने इसे प्राकृतिक गैस का सबसे सस्ता स्रोत बताया है।

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पाकिस्तान में घरेलू गैस की जबरदस्त किल्लत पैदा हो गई है। बिगड़ते हालात देखते हुए प्रधानमंत्री इमरान खान को एक उच्च स्तरीय बैठक करनी पड़ी जिसमें स्थिति की समीक्षा की गई। प्रधानमंत्री कार्यालय ने ट्वीट कर बताया कि पीएम ने खुद इस बैठक की अध्यक्षता की और घरेलू भंडार से मांग और आपूर्ति, प्राकृतिक गैस (एलएनजी) की कमी और आयात के बारे में जानकारी ली।

डॉन अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, बैठक में इमरान खान ने अधिकारियों को घरेलू अन्वेषण के लिए लाइसेंस फास्ट-ट्रैक करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने इसे प्राकृतिक गैस का सबसे सस्ता स्रोत बताया है। साथ ही उन्होंने संबंधित विभागों से नए एलएनजी प्लांट और वर्चुअल पाइपलाइन परियोजनाओं की प्रक्रिया में आ रही परेशानियों को जल्द दूर करने के निर्देश दिए हैं।

इससे पहले पाकिस्तान के ऊर्जामंत्री हम्माद अजहर ने घरेलू गैस की जरूरतों को पूरा करने में असमर्थता जता चुके हैं। उन्होंने कानूनी अड़चनों को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया।

जानकारों की मानें तो पाकिस्तान में लोगों के पास दैनिक भोजन पकाने तक के लिए भी पर्याप्त गैस नहीं है। क्योंकि देश की सरकार ने भंडारण की तुलना में गैस कनेक्शन कहीं अधिक दे दिए हैं। साथ ही देश के घरेलू गैस उपभोक्ताओं के मासिक बिलों में भी बड़ी वृद्धि देखी गई है। 

खैबर-पख्तूनख्वा चुनाव में घटी इमरान सरकार की लोकप्रियता
पाकिस्तान के खैबर-पख्तूनख्वा प्रांत में स्थानीय निकाय चुनाव में हार के बाद प्रधानमंत्री इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सरकार की लोकप्रियता कम होती दिख रही है। इन चुनावों में अनौपचारिक व असत्यापित नतीजों में पेशावर के मेयर पद की सीट मौलाना फजलुर रहमान के जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम फजल के उम्मीदवार की जीत निश्चित बताई जा रही है।

जियो न्यूज ने बताया कि सरकार में बदलाव की अटकलें चरम पर हैं। अखबार ने लिखा है कि भले ही ऐसी अटकलों पर भरोसा न करें लेकिन इसमें कोई संदेह नहीं कि सत्तारूढ़ दल की लोकप्रियता कम हो रही है।

 

विस्तार

पाकिस्तान में घरेलू गैस की जबरदस्त किल्लत पैदा हो गई है। बिगड़ते हालात देखते हुए प्रधानमंत्री इमरान खान को एक उच्च स्तरीय बैठक करनी पड़ी जिसमें स्थिति की समीक्षा की गई। प्रधानमंत्री कार्यालय ने ट्वीट कर बताया कि पीएम ने खुद इस बैठक की अध्यक्षता की और घरेलू भंडार से मांग और आपूर्ति, प्राकृतिक गैस (एलएनजी) की कमी और आयात के बारे में जानकारी ली।

डॉन अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, बैठक में इमरान खान ने अधिकारियों को घरेलू अन्वेषण के लिए लाइसेंस फास्ट-ट्रैक करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने इसे प्राकृतिक गैस का सबसे सस्ता स्रोत बताया है। साथ ही उन्होंने संबंधित विभागों से नए एलएनजी प्लांट और वर्चुअल पाइपलाइन परियोजनाओं की प्रक्रिया में आ रही परेशानियों को जल्द दूर करने के निर्देश दिए हैं।

इससे पहले पाकिस्तान के ऊर्जामंत्री हम्माद अजहर ने घरेलू गैस की जरूरतों को पूरा करने में असमर्थता जता चुके हैं। उन्होंने कानूनी अड़चनों को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया।

जानकारों की मानें तो पाकिस्तान में लोगों के पास दैनिक भोजन पकाने तक के लिए भी पर्याप्त गैस नहीं है। क्योंकि देश की सरकार ने भंडारण की तुलना में गैस कनेक्शन कहीं अधिक दे दिए हैं। साथ ही देश के घरेलू गैस उपभोक्ताओं के मासिक बिलों में भी बड़ी वृद्धि देखी गई है। 

खैबर-पख्तूनख्वा चुनाव में घटी इमरान सरकार की लोकप्रियता

पाकिस्तान के खैबर-पख्तूनख्वा प्रांत में स्थानीय निकाय चुनाव में हार के बाद प्रधानमंत्री इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सरकार की लोकप्रियता कम होती दिख रही है। इन चुनावों में अनौपचारिक व असत्यापित नतीजों में पेशावर के मेयर पद की सीट मौलाना फजलुर रहमान के जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम फजल के उम्मीदवार की जीत निश्चित बताई जा रही है।

जियो न्यूज ने बताया कि सरकार में बदलाव की अटकलें चरम पर हैं। अखबार ने लिखा है कि भले ही ऐसी अटकलों पर भरोसा न करें लेकिन इसमें कोई संदेह नहीं कि सत्तारूढ़ दल की लोकप्रियता कम हो रही है।

 

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