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बॉलीवुड: जब 'बाबुल की दुआएं लेती जा' गाते हुए फूट-फूटकर रोने लगे मोहम्मद रफी, जानिए पूरा किस्सा

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तुम मुझे यूं भुला ना पाओगे, जब कभी सुनोगे गीत मेरे, ये रेशमी जुल्फें और क्या हुआ तेरा वादा जैसे कई सुपरहिट गानों को अपनी आवाज देने वाले सुरों के सरताज ‘मोहम्मद रफी’ साहब को कोई कभी नहीं भूला सकता। उन्होंने तीन दशक के लंबे करियर में कई सुपरहिट गाने गाए। ‘शहंशाह-ए-तरन्नुम’ के नाम से मशहूर रफी साहब की कव्वाली, सूफी, रोमांटिक और दर्दभरे गानों को आज भी लोग याद करते हैं। वह अपने गानों से इश्क करना भी सिखाते हैं तो आंखों में आंसू भी ले आते हैं।
उनका गाना ‘बाबुल की दुआएं लेती जा’ आज भी हर भारतीय शादी का हिस्सा रहता है। इस गाने को सुनने के बाद शायद ही कोई अपने आंखों से बहते आंसू को रोक पाता होगा। लेकिन कम ही लोग जानते हैं कि रफी साहब भी इस गाने को गाते हुए फूट-फूटकर रोने लगे थे। चलिए जानते हैं ऐसा क्या हुआ था जो वह खुद भी इस गाने को गाते हुए रोने लगे।

बात फिल्म ‘नीलकमल’ के दौरान की है। इस फिल्म के सुपरहिट गाने ‘बाबुल की दुआएं लेती जा’ की रिकॉर्डिंग चल रही थी। गाना गाते हुए अचानक ही रफी साहब रोने लगते हैं। इस मंजर को देखकर वहां सभी लोग हैरान रह जाते हैं।

दरअसल, गाने की रिकॉर्डिंग के ठीक एक दिन पहले ही उन्होंने अपनी बेटी की सगाई की थी और दो दिन बाद ही उनकी बेटी की शादी थी। इसलिए गाना गाते वक्त वह अपनी बेटी को याद कर कर रोने लगें।

अगर आप इस गाने को ध्यान से सुनेंगे तो गाने के आखिर में रफी साहब की आवाज में फर्क मालूम पड़ेगा और रोने की वजह से उनकी आवाज पूरी तरह भारी हो गई थी।

सुपरहिट गाने ‘बाबुल की दुआएं लेती जा’ उस समय का सबसे पसंद किया जाने वाला गाना बन गया। बाद में इस गीत को नेशनल अवॉर्ड मिला था। 
 

तुम मुझे यूं भुला ना पाओगे, जब कभी सुनोगे गीत मेरे, ये रेशमी जुल्फें और क्या हुआ तेरा वादा जैसे कई सुपरहिट गानों को अपनी आवाज देने वाले सुरों के सरताज ‘मोहम्मद रफी’ साहब को कोई कभी नहीं भूला सकता। उन्होंने तीन दशक के लंबे करियर में कई सुपरहिट गाने गाए। ‘शहंशाह-ए-तरन्नुम’ के नाम से मशहूर रफी साहब की कव्वाली, सूफी, रोमांटिक और दर्दभरे गानों को आज भी लोग याद करते हैं। वह अपने गानों से इश्क करना भी सिखाते हैं तो आंखों में आंसू भी ले आते हैं।

उनका गाना ‘बाबुल की दुआएं लेती जा’ आज भी हर भारतीय शादी का हिस्सा रहता है। इस गाने को सुनने के बाद शायद ही कोई अपने आंखों से बहते आंसू को रोक पाता होगा। लेकिन कम ही लोग जानते हैं कि रफी साहब भी इस गाने को गाते हुए फूट-फूटकर रोने लगे थे। चलिए जानते हैं ऐसा क्या हुआ था जो वह खुद भी इस गाने को गाते हुए रोने लगे।

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