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सोशल मीडिया: मेटावर्स के निर्माण के लिए फेसबुक ने 10000 नौकरियों की घोषणा की, तेजी से होगा काम

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, वाशिंगटन
Published by: Jeet Kumar
Updated Mon, 18 Oct 2021 05:15 AM IST

सार

फेसबुक अपने वास्तविक और वर्चुअल दुनिया के अनुभवों के निर्माण के लिए पांच वर्षों में बड़े पैमाने पर भर्ती करेगा।

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फेसबुक के सीईओ मार्क जकरबर्ग ने बीते महीने एलान किया था कि उनकी कंपनी एक सोशल मीडिया मंच से आगे बढ़कर ‘मेटावर्स’ कंपनी बनेगी। तो मेटावर्स बनाने के लिए कुशल पेशेवरों की जरूरत पड़ेगी। इसके लिए फेसबुक ने मेटावर्स के निर्माण के लिए 10,000 लोगों को नियुक्त करने की योजना की घोषणा की है।

फेसबुक अपने वास्तविक और वर्चुअल दुनिया के अनुभवों के निर्माण के लिए पांच वर्षों में बड़े पैमाने पर भर्ती करेगा। इस भर्ती अभियान में फ्रांस, जर्मनी, आयरलैंड, इटली, नीदरलैंड, पोलैंड और स्पेन सहित अन्य देशों में लोगों को काम पर रखा जाएगा।

फेसबुक ने इस कदम को यूरोपीय तकनीकी क्षेत्र में विश्वास का वोट बताया। निश्चित रूप से इसका एक बड़ा ग्राहक आधार है, लेकिन सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक ने कई क्षेत्रों के साथ-साथ प्रथम श्रेणी विश्वविद्यालय शिक्षा में ब्लीडिंग-एज टीमों की ओर इशारा किया। 

टेक दिग्गज फेसबुक का पहले से ही कॉर्क, आयरलैंड में एक रियलिटी लैब्स कार्यालय है, और उसने फ्रांस में एक एआई रिसर्च लैब खोली है। 2019 में, फेसबुक ने एआई नैतिकता अनुसंधान केंद्र बनाने के लिए म्यूनिख के तकनीकी विश्वविद्यालय के साथ भागीदारी की।

जैसा कि कई नौकरियों की घोषणाओं के साथ होता है, यह एक जनसंपर्क कदम जितना ही एक व्यावहारिक निवेश है। यह यूरोपीय संघ को फेसबुक के आर्थिक योगदान की याद दिला सकता है और प्रासंगिक नीतियों को प्रभावित कर सकता है। 

मेटावर्स से किसे मिलेगा लाभ 
अगर कोई व्यक्ति एपल, फेसबुक, गूगल और माइक्रोसॉफ्ट जैसी बड़ी टेक कंपनियों के बारे में काफी ज्यादा अध्ययन करे, तो उसे महसूस होगा कि तकनीकी तरक्की अपरिहार्य हैं और मेटावर्स इसी श्रेणी में आती है। इनके जरिए समाज पर होने वाले प्रभाव के बारे में सोचे बिना भी नहीं रहा जा सकता।

इंटरनेट की तरह ही असीम संभावनाओं को देगा जन्म 
फेसबुक का मेटावर्स स्वरूप लोगों और समुदायों के आपसी जुड़ाव की क्षमता बढ़ा सकता है। मेटावर्स का विचार भौतिक दुनिया की बाधाओं से पार पाने की असीम संभावनाओं को जन्म भी देता है।

विस्तार

फेसबुक के सीईओ मार्क जकरबर्ग ने बीते महीने एलान किया था कि उनकी कंपनी एक सोशल मीडिया मंच से आगे बढ़कर ‘मेटावर्स’ कंपनी बनेगी। तो मेटावर्स बनाने के लिए कुशल पेशेवरों की जरूरत पड़ेगी। इसके लिए फेसबुक ने मेटावर्स के निर्माण के लिए 10,000 लोगों को नियुक्त करने की योजना की घोषणा की है।

फेसबुक अपने वास्तविक और वर्चुअल दुनिया के अनुभवों के निर्माण के लिए पांच वर्षों में बड़े पैमाने पर भर्ती करेगा। इस भर्ती अभियान में फ्रांस, जर्मनी, आयरलैंड, इटली, नीदरलैंड, पोलैंड और स्पेन सहित अन्य देशों में लोगों को काम पर रखा जाएगा।

फेसबुक ने इस कदम को यूरोपीय तकनीकी क्षेत्र में विश्वास का वोट बताया। निश्चित रूप से इसका एक बड़ा ग्राहक आधार है, लेकिन सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक ने कई क्षेत्रों के साथ-साथ प्रथम श्रेणी विश्वविद्यालय शिक्षा में ब्लीडिंग-एज टीमों की ओर इशारा किया। 

टेक दिग्गज फेसबुक का पहले से ही कॉर्क, आयरलैंड में एक रियलिटी लैब्स कार्यालय है, और उसने फ्रांस में एक एआई रिसर्च लैब खोली है। 2019 में, फेसबुक ने एआई नैतिकता अनुसंधान केंद्र बनाने के लिए म्यूनिख के तकनीकी विश्वविद्यालय के साथ भागीदारी की।

जैसा कि कई नौकरियों की घोषणाओं के साथ होता है, यह एक जनसंपर्क कदम जितना ही एक व्यावहारिक निवेश है। यह यूरोपीय संघ को फेसबुक के आर्थिक योगदान की याद दिला सकता है और प्रासंगिक नीतियों को प्रभावित कर सकता है। 

मेटावर्स से किसे मिलेगा लाभ 

अगर कोई व्यक्ति एपल, फेसबुक, गूगल और माइक्रोसॉफ्ट जैसी बड़ी टेक कंपनियों के बारे में काफी ज्यादा अध्ययन करे, तो उसे महसूस होगा कि तकनीकी तरक्की अपरिहार्य हैं और मेटावर्स इसी श्रेणी में आती है। इनके जरिए समाज पर होने वाले प्रभाव के बारे में सोचे बिना भी नहीं रहा जा सकता।

इंटरनेट की तरह ही असीम संभावनाओं को देगा जन्म 

फेसबुक का मेटावर्स स्वरूप लोगों और समुदायों के आपसी जुड़ाव की क्षमता बढ़ा सकता है। मेटावर्स का विचार भौतिक दुनिया की बाधाओं से पार पाने की असीम संभावनाओं को जन्म भी देता है।

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