एजेंसी, नई दिल्ली
Published by: देव कश्यप
Updated Tue, 28 Dec 2021 05:04 AM IST
सार
सरकार ने स्वर्ण आभूषण को मिलावट और नकली उत्पादों से बचाने के लिए 23 जून, 2021 से हॉलमार्किंग अनिवार्य कर दिया था। इसके तहत ज्वैलर्स को सिर्फ 14, 18 और 22 कैरेट सोने के आभूषण बेचनेे की अनुमति दी गई है।
सोना (प्रतीकात्मक तस्वीर)
– फोटो : pixabay
देश के 256 जिलों में सोने के आभूषण पर अनिवार्य हॉलमार्किंग शुरू हो चुकी है। अब पूरे देश में इसे लागू करने की तैयारी है। उपभोक्ता मंत्रालय ने सोमवार को बताया कि हमने शुरुआती लक्ष्य तय समय से पहले पूरा कर लिया। हॉलमार्किंग को पूरे देश में लागू करने की तैयारी भी शुरू की जा चुकी है।
सरकार ने स्वर्ण आभूषण को मिलावट और नकली उत्पादों से बचाने के लिए 23 जून, 2021 से हॉलमार्किंग अनिवार्य कर दिया था। इसके तहत ज्वैलर्स को सिर्फ 14, 18 और 22 कैरेट सोने के आभूषण बेचनेे की अनुमति दी गई है। उपभोक्ता मंत्रालय ने कैबिनेट में पेश मासिक रिपोर्ट में बताया कि अब तक 256 जिलों में कम से कम एक परख व हॉलमार्किंग केंद्र (एएचसी) स्थापित किया जा चुका है।
भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) की ओर से इन केंद्रों पर ऑनलाइन पंजीकरण, ज्वैलर्स के लिए शून्य पंजीकरण शुल्क और पंजीकरण की आजीवन मान्यता जैसी सुविधाएं दी जा रही हैं। अनिवार्य हॉलमार्किंग नियम लागू होने के बाद से पंजीकरण कराने वाले ज्वैलर्स की संख्या चार गुना बढ़ चुकी है और अब तक 1.27 लाख ज्वैलर्स ने बीआईएस पंजीकरण हासिल कर लिया है। देशभर में बीआईएस के 976 एएचसी काम कर रहे हैं।
4.5 करोड़ आभूषण पर हॉलमार्क
मंत्रालय के अनुसार, हॉलमार्किंग के लिए ऑटोमेशन सॉफ्टवेयर लॉन्च होने के बाद पांच महीने में ही 4.5 करोड़ आभूषणों पर हॉलमार्क किए जा चुके हैं। हॉलमार्किंग यूनिक आईडी (एचयूआईडी) की मदद से पारदर्शिता बढ़ाने और उपभोक्ताओं का भरोसा जीतने में बड़ी सफलता मिली है। बीआईएस सभी हितधारकों से लगातार सुझाव लेकर सुधार कर रहा है। देश में आभूषणों की बढ़ती मांग को देखते हुए इसका दायरा बढ़ाने पर जोर रहेगा। भारत सोने का सबसे बड़ा आयातक है, जहां हर साल 700-800 टन सोना मंगाया जाता है।
विस्तार
देश के 256 जिलों में सोने के आभूषण पर अनिवार्य हॉलमार्किंग शुरू हो चुकी है। अब पूरे देश में इसे लागू करने की तैयारी है। उपभोक्ता मंत्रालय ने सोमवार को बताया कि हमने शुरुआती लक्ष्य तय समय से पहले पूरा कर लिया। हॉलमार्किंग को पूरे देश में लागू करने की तैयारी भी शुरू की जा चुकी है।
सरकार ने स्वर्ण आभूषण को मिलावट और नकली उत्पादों से बचाने के लिए 23 जून, 2021 से हॉलमार्किंग अनिवार्य कर दिया था। इसके तहत ज्वैलर्स को सिर्फ 14, 18 और 22 कैरेट सोने के आभूषण बेचनेे की अनुमति दी गई है। उपभोक्ता मंत्रालय ने कैबिनेट में पेश मासिक रिपोर्ट में बताया कि अब तक 256 जिलों में कम से कम एक परख व हॉलमार्किंग केंद्र (एएचसी) स्थापित किया जा चुका है।
भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) की ओर से इन केंद्रों पर ऑनलाइन पंजीकरण, ज्वैलर्स के लिए शून्य पंजीकरण शुल्क और पंजीकरण की आजीवन मान्यता जैसी सुविधाएं दी जा रही हैं। अनिवार्य हॉलमार्किंग नियम लागू होने के बाद से पंजीकरण कराने वाले ज्वैलर्स की संख्या चार गुना बढ़ चुकी है और अब तक 1.27 लाख ज्वैलर्स ने बीआईएस पंजीकरण हासिल कर लिया है। देशभर में बीआईएस के 976 एएचसी काम कर रहे हैं।
4.5 करोड़ आभूषण पर हॉलमार्क
मंत्रालय के अनुसार, हॉलमार्किंग के लिए ऑटोमेशन सॉफ्टवेयर लॉन्च होने के बाद पांच महीने में ही 4.5 करोड़ आभूषणों पर हॉलमार्क किए जा चुके हैं। हॉलमार्किंग यूनिक आईडी (एचयूआईडी) की मदद से पारदर्शिता बढ़ाने और उपभोक्ताओं का भरोसा जीतने में बड़ी सफलता मिली है। बीआईएस सभी हितधारकों से लगातार सुझाव लेकर सुधार कर रहा है। देश में आभूषणों की बढ़ती मांग को देखते हुए इसका दायरा बढ़ाने पर जोर रहेगा। भारत सोने का सबसे बड़ा आयातक है, जहां हर साल 700-800 टन सोना मंगाया जाता है।
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