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शिकंजा: फ्रांस में अपील हारा ट्विटर, बताना होगा नफरत भरी सामग्री रोकने को क्या किया

एजेंसी, पेरिस।
Published by: Jeet Kumar
Updated Fri, 21 Jan 2022 06:10 AM IST

सार

ट्विटर के खिलाफ कई संगठनों व कार्यकर्ताओं ने मुकदमे दायर किए हैं। उनका कहना है कि ट्विटर देश व समाज में नफरत फैला रहा है। उसकी वजह से कई लोग मारे जा रहे हैं।

सांकेतिक तस्वीर…
– फोटो : पिक्साबे

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ट्विटर को फ्रांस की एक अदालत ने निर्देश दिया है कि उसने अपने प्लेटफॉर्म पर नफरती सामग्री का प्रसार रोकने के लिए अब तक कौन से कदम उठाए, यह बताए। यह आदेश ट्विटर की पूर्व आदेश पर की गई एक अपील को नकारते हुए बृहस्पतिवार को दिए गए।

ट्विटर के खिलाफ कई संगठनों व कार्यकर्ताओं ने मुकदमे दायर किए हैं। उनका कहना है कि ट्विटर देश व समाज में नफरत फैला रहा है। उसकी वजह से कई लोग मारे जा रहे हैं। अदालत ने पूर्व आदेश में ट्विटर से इस संबंध में उठाए कदमों की जानकारी मांगी थी। उसे वह सभी समझौते, तकनीकी व व्यावसायिक दस्तावेज अदालत को पेश करने थे जिनसे नफरती सामग्री फैलने से रोकने में उसकी गंभीरता साबित हो।

ट्विटर ने ऐसा नहीं किया, बल्कि आदेश के खिलाफ अपील की। अदालत ने पूछा कि उसने अपने प्लेटफॉर्म पर नफरत भरी सामग्री की निगरानी के लिए कितने मॉडरेटरों को नौकरी पर रखा है, उनकी संख्या, राष्ट्रीयता, क्षेत्रीयता, भाषा, यह सब जानकारियां भी बताए। 

भारत में भी बने नफरत के प्लेटफॉर्म
तकनीकी व सोशल मीडिया कंपनियां पूरी दुनिया में अपने प्लेटफॉर्म के जरिए नफरत बढ़ने के बारे में जानती हैं, लेकिन कुछ कर नहीं रहीं। कुछ महीने पहले फेसबुक के लीक हुए दस्तावेजों में सामने आया कि भारत में उसकी वजह से लोगों की हत्याएं हो रही हैं और सामाजिक नफरत बढ़ रही है।

विस्तार

ट्विटर को फ्रांस की एक अदालत ने निर्देश दिया है कि उसने अपने प्लेटफॉर्म पर नफरती सामग्री का प्रसार रोकने के लिए अब तक कौन से कदम उठाए, यह बताए। यह आदेश ट्विटर की पूर्व आदेश पर की गई एक अपील को नकारते हुए बृहस्पतिवार को दिए गए।

ट्विटर के खिलाफ कई संगठनों व कार्यकर्ताओं ने मुकदमे दायर किए हैं। उनका कहना है कि ट्विटर देश व समाज में नफरत फैला रहा है। उसकी वजह से कई लोग मारे जा रहे हैं। अदालत ने पूर्व आदेश में ट्विटर से इस संबंध में उठाए कदमों की जानकारी मांगी थी। उसे वह सभी समझौते, तकनीकी व व्यावसायिक दस्तावेज अदालत को पेश करने थे जिनसे नफरती सामग्री फैलने से रोकने में उसकी गंभीरता साबित हो।

ट्विटर ने ऐसा नहीं किया, बल्कि आदेश के खिलाफ अपील की। अदालत ने पूछा कि उसने अपने प्लेटफॉर्म पर नफरत भरी सामग्री की निगरानी के लिए कितने मॉडरेटरों को नौकरी पर रखा है, उनकी संख्या, राष्ट्रीयता, क्षेत्रीयता, भाषा, यह सब जानकारियां भी बताए। 

भारत में भी बने नफरत के प्लेटफॉर्म

तकनीकी व सोशल मीडिया कंपनियां पूरी दुनिया में अपने प्लेटफॉर्म के जरिए नफरत बढ़ने के बारे में जानती हैं, लेकिन कुछ कर नहीं रहीं। कुछ महीने पहले फेसबुक के लीक हुए दस्तावेजों में सामने आया कि भारत में उसकी वजह से लोगों की हत्याएं हो रही हैं और सामाजिक नफरत बढ़ रही है।

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